पुलिस ने दरवाजा तोड़कर सकुशल निकाला बाहर
रायगढ़। आज सुबह कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि रेलवे कॉलोनी के एक क्वाटर में एक युवक स्वयं को रसोई कमरे में बंद कर गैस सिलेंडर को ब्लास्ट के साथ स्वयं को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहा है। मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार एवं एडिशनल एसपी संजय महादेवा के संज्ञान में आने पर तत्काल पुलिस अधिकारियों को मौके पर पहुंचने और स्थिति नियंत्रण करने के निर्देश दिए। बिना समय गंवाए मौके पर एडिशनल एसपी संजय महादेवा, टीआई कोतवाली शनिप रात्रे थाने के स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने अनहोनी की संभावना पर फायर ब्रिगेड भी मौके पर बुला ली थी। रेलवे कॉलोनी के रहवासी बताए कि मकान में बंद युवक (32 साल) की मानसिक स्थिति सही नहीं लगती। युवक उल्टी-सीधी हरकतें करता रहता है। युवक के पिता ने बताया कि उसके पुत्र की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है उसे पहले भी रांची के अस्पताल में दिखा चुके हैं। मौके पर युवक के पिता तथा मौजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा घर से बाहर आने की काफी समझाइश और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिये लेकिन युवक बाहर निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था जिस पर पुलिस अधिकारियों द्वारा खतरे को भांप कर मकान के पीछे का दरवाजा तोड़कर शीघ्र युवक को बाहर निकले। अधिकारियों ने युवक से बातचीत कर उसके मन स्थिति जानने का प्रयास किये पश्चात उसे कोतवाली पुलिस द्वारा ज्ञळभ् अस्पताल में परीक्षण कराया गया। जहां डॉक्टर के युवक को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताकर मानसिक अस्पताल से उचित इलाज का परामर्श दिया गया जिसके पश्चात परिजन एवं कोतवाली पुलिस द्वारा युवक को राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर में दाखिले के लिए रवाना किया गया है । मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को सूझबूझ से मकान से निकलने व स्थिति को नियंत्रित करने में थाना प्रभारी कोतवाली शनिप रात्रे, प्रधान आरक्षक नरेंद्र यादव, हेमन पात्रे, आरक्षक कोमल तिवारी, गोविंद पटेल, भगवती प्रसाद रत्नाकर तथा आरपीएफ के स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही।
पुलिस की मुस्तैदी से टली बड़ी घटना, मानसिक रोगी युवक गैस सिलेंडर पर बैठकर ब्लास्ट करने की दे रहा था धमकी
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